नफरत से नहीं, बल्कि प्यार और स्नेह से लड़ी जाएगी लड़ाई: मौलाना रशीदी
-जमियत उलमा उत्तर प्रदेश अध्यक्ष बोले, जमियत फिरकापरस्ती के खिलाफ हैं, चाहे वे मुस्लिम हों या गैर-मुस्लिम
मुजफ्फरनगर (शुजा ज़ैदी)। जमियत उलेमा जिला मुजफ्फरनगर की एडहॉक कमेटी की देखरेख में अंबा विहार के मदीना गार्डन के हॉल में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जमियत उलमा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना सैय्यद अशहद रशीदी द्वारा की गई। वहीं जमियत उलमा जिला मुजफ्फरनगर द्वारा आयोजित बैठक में मौजूद समिति के सदस्य मुफ्ती मुहम्मद इंतिजार कासमी ने उत्तर प्रदेश के जमियत उलमा के अध्यक्ष और मुजफ्फरनगर जिले के सदस्यों के अलावा उपस्थित लोगों के लिए एक स्वागत कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। जिला मुजफ्फरनगर के सैकटरी रिपोर्ट एडहाक कमेटी के मौलाना मुकर्रम कासमी ने अभूतपूर्व प्रदर्शन प्रस्तुत किया गया। जनपद के अध्यक्ष मुफ्ती मुजीबुर रहमान काजमी ने समाज के उत्थान एवं इस्लामी पहचान को कायम रखते हुए हिंदू मुस्लिम एकता पर जोर दिया। वही हाफिज शेर दीन ने आपसी भाईचारे के मुद्दों पर चर्चा करते हुए हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई भाई का नारा दिया। वहीं उन्होंने कहा कि ये जो हिंदू मुस्लिम एकता को लेकर नारा दिया है उसको कायम रखना हमारा फर्ज हैं। उन्होने कहा कि किसी भी राजनैतिक पार्टियों के बहकावे में न आए क्योंकि सफेद पोश अपने फायदे के लिए देश के अमन ओ चैन का सुकून छिनने का कार्य करती हैं उनको के अपना वोट बैंक दिखाई देता हैं फिर चाहे अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए जनता की लाशों पर से गुजरना पड़े। इसके अलावा मौलाना अब्दुल खालिक ने 2013 में हुए दंगे पर रोशनी डालते हुए कहा कि 2013 में हिंदू मुस्लिम एकता को तक पर रखते हुए राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारी यो की साजिश के तहत जनता को आपस में मिलाकर अपना वोट बैंक बढ़ाने का कार्य किया गया था। उन्होंने कहा कि केवल अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए सफेद पहुंचने देश एवं प्रदेश की जनता को लाशों के देर में तब्दील कर दिया था। मौलाना बद्र अख्तर मजाहिरी ने देश एवं प्रदेश में शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमारे देश में शिक्षा दिन प्रतिदिन महंगी होती जा रही है जबकि पड़ोसी देशों में शिक्षा फ्री में दी जा रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा महंगी होने के कारण ही हमारा देश तरह की की ओर अग्रसर नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि देश में शिक्षा विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग फ्री हो जाए तो देश को तरक्की करने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि यही दो पहलू ऐसे हैं जो देश को तरक्की की ओर लेकर जाते हैं मगर बदकिस्मती से हमारे देश में दोनों ही पहलू महंगाई की चार दिवारी से गिरे हुए हैं। जमियत उलमा-ए-हिंद के मौलाना सैयद अशहद ने कहा उत्तर प्रदेश प्रांत को नफरत से नहीं, बल्कि प्यार और स्नेह से लड़ाई लड़ी जाएगी वहीं उन्होंने कहा कि हम धर्म की परवाह किए बिना लड़ेंगे। जमियत फिरकापरस्ती के खिलाफ हैं, चाहे वे मुस्लिम हों या गैर-मुस्लिम और उन्होंने कहा कि मदरसों में पांच प्रतिशत बच्चे हैं, बाकी उम्मत के बच्चे अपनी समकालीन शिक्षा को लेकर चिंतित हैं। मुख्य बात दिल से अल्लाह की सेवा करना है और बैठक हजरत की दुआं के साथ समाप्त हुई। मौलाना हुसैन, मौलाना वकील, मुफ्ती मोहम्मद दानिश कासमी, मुफ्ती नौशाद खतौली, कारी फुरकान, कारी जिया-उर रहमान कासमी, कारी नफीस, मौलाना गुलजार, मौलाना अरशद, खलीलुर्रहमान, मौलाना अल्लाह मेहर, मुफ्ती सलमान, मुफ्ती ऐनुद्दीन, हाफिज नवाब, मौलाना नदीम अख्तर राही, मुफ्ती अमजद, मौलाना अमजद समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए।
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